Diya Jethwani

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लेखनी कहानी -19-Jun-2023.... तेरा मेरा साथ...(2)

निधि ने बोल तो दिया पर रेणु का दिल जोरों से धड़क रहा था...। वो जानती थीं आज भी उसे पक्का बॉस से डांट मिलने वाली हैं..। लिफ्ट से होतें हुए रेणु अपने आफिस जो पांचवे फ्लोर पर था... वहाँ पहुंची..। 

अपना आइ कार्ड स्कैन करके वो एंट्री रजिस्टर में साइन करके बिना दांये बांये देखे सीधे अपने कैबिन में जाने लगी...। वो अपनी कुर्सी पर जाकर बैठी ओर अपने सीने पर हाथ रखकर चैन की सांस लेते हुए मन ही मन बोली... "थैंक गॉड....बॉस ने देखा नहीं...।वरना आज फिर...."

अभी वो इतना सोच ही रहीं थीं की पीछे से कंपनी के बॉस ने आकर कहा.... आज फिर लेट....। तुम्हें क्या लगता हैं... मैं कुछ नोटिस नहीं करता हूँ..। तुम्हें इस कंपनी को जोइन किए हुए अभी टाइम ही कितना हुआ हैं.. अभी से तुम्हारे नखरे शुरू हो गया ए हैं...। देखो ये सब मेरे आफिस में नहीं चलेगा...। तुम कल से अपना बंदोबस्त किसी ओर जगह कर लेना..। 
बॉस की आवाज में जो कड़कपन था... वो रेणु के पसीने छुड़ाने के लिए काफी था...। वो कुछ बोलतीं इससे पहले पीछे से आतीं हुई निधि बोली.." गुडमॉर्निंग सर... "


ओहह निधि.... गुडमॉर्निंग...। 

क्या हुआ सर....आप इतने गुस्से में क्यूँ हैं..? 

कुछ नहीं... बस तुम आज ही इस रेणु का बर्खास्ती पत्र टाइप कर मेरे केबिन में भिजवा दो...। 

आर यू श्योर सर....? 

यस.... हंड्रेड परसेंट श्योर...। 

ओके सर.... लेकिन एक प्रोब्लेम हैं...। 

प्रोब्लेम कैसी प्रोब्लेम..। 

वो एक्चुअली बात ये हैं सर की अगर रेणु इस ओफिस से जाएगी तो मैं भी जाऊंगी... बिकोज़ शी इज माय बेस्ट फ्रेंड..। ओर अगर मैं भी यहाँ से चली गई तो.... तो आप जानते हैं सर...।


ओहह.... यस यस...आइ नो डेट...। बट मुझे सीरियसली नहीं पता था... ये तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड हैं...। ठीक हैं मैं लास्ट चांस दे रहा हूँ... लेकिन इसे अच्छे से समझा देना की कल से टाइम पर आ जाए... आफिस में दूसरे लोगों पर भी इसका असर होता हैं...।

 सर समझा तो दूंगी पर प्रोमिस नहीं कर सकतीं.... क्योंकि वो मेरे साथ ही मेरी ही गाड़ी पर आतीं हैं...तो.... 


ओके ओके... जस्ट गो टू योर वर्क...। बाय...। 


बॉस इतना कहकर रेणु के केबिन से चला गया..। उसके जाते ही निधि ने रेणु को साइड से गले लगाते हुए कहा :- क्यूँ मेरी जान...अब तो खुश हैं ना... अब ये निहाल सिंह तुम्हें पूरी जिंदगी कभी एक लब्ज़ नहीं बोलेगा...। 

वो तो ठीक हैं यार... पर मेरी समझ में नहीं आ रहा... ये सर तुझे देखते ही इतने शांत कैसे हो जाते हैं...। 

निधि हंसते हुए :- अब हम कोई ऐसी वैसी चीज़ थोड़ी ना हैं... यू नो... आइ एम... 

यस यस आइ नो.... यू आर संमथिंक स्पेशल.. । चल अभी तु जा मुझे आज बहुत काम हैं...। 

ओके डियर.... मिलते हैं ब्रेक में...।सी यू सून माय लव...। 



वहीं बोस के केबिन में... (मिस्टर सिंह फोन पर) 

हैलो... गुडमॉर्निंग मिस्टर ओबेरॉय...। 

गुडमॉर्निंग मिस्टर सिंह..। सारे पेपर्स देख लिए ना आपने..? 

यस मिस्टर ओबेरॉय...आपके साथ डील की हैं तो सब कुछ एकदम करेक्ट ही होगा ना..! 

तो फिर कब आना पड़ेगा फाइनल रिपोर्ट के लिए...? 

जब आप चाहे... मुझे इस महीने की पंद्रह तारीख को जाना हैं तो उससे पहले जब आप चाहे... आ सकतें हैं...। 

ओके तो मैं अपने मैनेजर से बात करके आपको फिक्स डेट मेल कर देता हूँ...। 

ओके मिस्टर ओबेरॉय...। 

ओके सी यू सून...। 


निधि और रेणु की खट्टी मिट्ठी जिंदगी में आगे क्या होगा...? 
जानते हैं अगले भाग में...। 






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1 Comments

Gunjan Kamal

22-Jun-2023 11:43 AM

शानदार भाग

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